पुरुष के लिए स्त्री है वैसे ही ट्रांस वुमन के लिए भगवान ने ट्रांस मेन बनाया है



 #एनजीओ #ट्रांसजेंडर #किन्नर #valentines


दिल्ली की शामें तो रंगीन होती ही है। कहते है #दिल्ली दिलवालों की है और जिंदगी की अनन्त संभावनाओं को तलाशने और मंजिल तक पहुंचने के लिए हजारों लोग रोज इस शहर में पहुंचते है। वह 22 अप्रैल 2022 की शाम थी। राम एक नियत स्थान पर एक शख्स का इंतजार कर रहा था। जब उसका इंतजार खत्म हुआ और कार से तीन लडकियां उतरी तो वह अचरज में पड़ या कि आखिर इसमें वो कौन है जिसका उसे इंतजार था। #राम को इन्हें गरिमा गृह ले जाना था जो मूलतः ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए होता है। लेकिन राम नहीं जानता था कि इसमें से कौन #ट्रांसजेंडर है। अंततः उसने सकुचाते हुए पूछ ही लिया की आप में से ट्रांस वूमन कौन है।



उन तीनों लडकियों में से सबसे खूबसूरत चेहरे ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं मेहर हूं। राम की पलके बिल्कुल झपकने को तैयार नहीं हुई। उसे लगा की भला ट्रांस वुमन भी इतनी खुबसूरत हो सकती है। राम अपनी हमउम्र #मैहर को देखते ही सपनों में डूब गया।

राम की दुनिया में ऐसा भी हो सकता था,उसने कल्पना नहीं की थी। कुछ दिनों पहले ही उसने फेसबुक प्रोफाइल में लिखा था कि जैसा भी हूँ,खुद के लिए बेमिसाल हूं,किसी को हक नहीं की मेरी परख करें।



दिल्ली के किशन विहार में रहने वाला राम कभी निशा हुआ करती थी। बेहद मासूम और चंचल निशा। तीन बहनों में उसे मझली कहा जाता था। पिताजी निशा को बिल्कुल लड़कों की तरह रखा करते थे। 16 अप्रैल 1988 को जन्मी निशा को समय के साथ यह एहसास होने लगा की उसे तो लड़का ही होना चाहिए। अब उसकी उम्मीदें परवान चढ़ने लगी और उसने #डिजीटल #मार्केटिंग में पैसा बनाया तो वह फैसला किया जो बहुत अप्रत्याशित था। निशा ने अपना जेंडर बदलवाने की ठानी और 2019 में एक आपरेशन के बाद अंततः निशा,राम के रूप में समाज के सामने आया। हालांकि यह विचार साधारण नहीं था लेकिन निशा उर्फ़ राम को कुछ असाधारण करने की धुन सवार थी।



दूसरी और दिल्ली से करीब साढ़े सात सौ किलोमीटर दूर #उज्जैन में #मैहर डांस में अपना नाम कमा रही थी। मैहर अपने बड़े भाई और छोटी बहन के साथ खेलती कूदती लेकिन उसे बार बार यह एहसास होता की वह इन दोनों से अलग है। पिताजी पेंटर थे और माँ हार्ट पेशेंट थी,इसलिए मैहर को गुरबत की जिंदगी से रूबरू तो होना ही पड़ता था। #मैहर सोशल मीडिया पर #ट्रांस समुदाय से मिली और उसे अपनी जिंदगी का कोई अलग रास्ता नजर आने लगा। इस बीच मै उसे पता चला की दिल्ली के #तालकटोरा मैदान में किन्नर महोत्सव का आयोजन हो रहा है,अत: वह उसका हिस्सा बनने दिल्ली पहुंच गई।

अब #गरिमा गृह में जानी मानी डांसर मैहर का ख्याल रखने की जिम्मेदारी राम की थी। मैहर बहुत थक गई थी और उसके पैर भी बहुत दुःख रहे थे। राम ने जब पैर दबाने को कहा तो मैहर चिढ कर बोली,लड़के हो,हद में रहो। राम मुस्कुराने लगा और यही से उन दोनों की जिंदगी में मुस्कान बढती चली गई। किन्नर महोत्सव में मैहर का डांस देखकर लोग वाह वाह कर रहे थे तो राम भी मंत्रमुग्ध था। उसे अब यह लगने लगा था कि वह मैहर के बिना नहीं रह सकता। जब मैहर दिल्ली से वापस आने के लिए रवाना हुई तो राम ने मैहर को एक कागज का टुकड़ा थमा दिया जिसमें लिखा था कि अकेला नहीं हूं,बस डर लगता है कि फिर से कोई छोड़ गया तो मेरा क्या होगा... ।



ट्रेन आगे बढ़ चुकी थी जब तब मैहर वह कागज का टुकड़ा पड़ती। लेकिन अब मैहर की आंखों से आंसू बह निकले। उसे भी एहसास हुआ था कि जिंदगी का आगे का रास्ता अब अकेले तय करना मुश्किल होगा तो वह आगे के स्टेशन पर उतर गई और वापस दिल्ली पहुंच गई।

राम अपने सामने मैहर को पाकर पागलों की तरह उछलने लगा,उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसका सुनहरा सपना इस प्रकार सामने आ जायेगा।





दिल्ली की रोहिणी में स्थित कालिका मंदिर में राम,निशा के रूप में अपनी माँ के साथ जाया करती थी। निशा ने वहीं सपने देखे थे,राम ने अपनी शादी के लिए उसी स्थान को चुना। 6 सितम्बर 2022 को दोनों परिवारों की मौजूदगी में राम और मैहर ईश्वर को साक्षी मानकर एक दूजे के हो गए।

राम और मैहर खुद का बच्चा चाहते है और डॉक्टर ने भरोसा दिलाया है कि यह संभव भी होगा। राम कहते है कि बच्चा तो होगा और हमारे डीएनए से होगा। लेकिन उनकी चुनौतियां भी कम नहीं है। देश के कोने कोने से ऑनलाइन ट्रांस कार्ड के लिए अप्लाई किया जाता है लेकिन ट्रांस कार्ड मिलना बहुत दूर की कौड़ी है। ट्रांस कार्ड मिलेगा तो अस्पताल में फ्री इलाज की सुविधा मिल जाएगी और तब शायद बच्चे का सपना भी सच हो जाएं।



मैहर कहती है अब उसे कोई फर्क नहीं पड़ता की लोग क्या कहते है। वह अपनी पहचान के साथ जीना चाहती है। मैहर खुश है कि उनके परिवार ने राम को स्वीकार किया जो लडकी से लड़का बने थे। राम और मैहर इस समय जयपुर में है जहां किन्नर अखाड़े की #महामंडलेश्वर #पुष्पागिडवानी का एनजीओ नई भौर तीसरे समुदाय के हितों के लिए खूब काम करता है। दोनों जयपुर में नई जिंदगी शुरू करना चाहते है। मैहर डांस ग्रुप बनाकर दुनिया पर छा जाना चाहती है तो राम अपनी हमसफर के सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पित है। राम की माँ बूढी हो चूकी है और मैहर उनकी सेवा करना चाहती है।

मैहर कहती है जैसे पुरुष के लिए स्त्री है वैसे ही ट्रांस वुमन के लिए भगवान ने ट्रांस मेन बनाया है। वह कहती है ईश्वर किसी को कभी अकेला नहीं छोड़ता,शिद्दत से चाहो तो सबकी तलाश अवश्य खत्म होती है।
#ब्रह्मदीपbrahma
ब्रह्मदीप अलूने
https://brahmadeepalune.com/ट्रांस-वुमन-के-लिए-भगवान-न/

दिक्कत धर्म में नहीं,इंसानों में है...! dhrma insan swtntraa samay

 

स्वतंत्र समय


                   

 

कोरोना की मची तबाही से उबारने के लिए स्विट्ज़रलैंड का एक एनजीओ  एशिया के दक्षिण पूर्वी राष्ट्र इंडोनेशिया में आया और प्रभावितों के बीच काम करने लगाइंडोनेशिया में दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती हैइस इस्लामिक देश में काम करते हुए एक स्विस नागरिक को मुस्लिम महिला से प्रेम हो गयावह मुस्लिम महिला विदेशी की मानवीयता की अमूल्य सेवा से खासी प्रभावित हुई थीबाद में वह महिला स्विट्ज़रलैंड चली गई और आज कल वही रहती हैइंडोनेशिया के कई प्रान्तों में शरिया कानून लागू है और महिलाओं को अक्सर कोड़े मारे जाने की घटनाएं सामने आती हैमुस्लिम महिला,यह सब अपने देश में सहती और देखती थीअब वह महिला दुनिया के विकसित देशों में अव्वल स्विट्ज़रलैंड की शहरी हैवह स्वतंत्रता से जीती हैइस्लाम के नियमों का पालन करती है,इस्लाम की मूल भावना को सामने रखते हुए यह संदेश भी देती है कि कुरान में न्याय के नाम पर किसी पर अत्याचार करने का कहीं पर नहीं लिखा गया हैवह कहती है दिक्कत धर्म में नहीं है,इंसानों में है,जो इतने बेरहम है कि आस्था को भी कलंकित कर देते है

 


कोरोना काल की विपदा के बाद दुनियाभर में लोगों में धर्म के प्रति विश्वास बड़ा है और ईश्वर के प्रति आस्था भी। इससे धर्मगुरुओं का कद भी बढ़ गया है।  इसका यह असर हुआ कि धर्मगुरु धर्म के साथ राजनीति की शिक्षा भी देने लगे है   ऐसे में इंडोनेशिया जैसा बहुलता और विविधता वाला देश तेजी से कट्टरता की और बढ़ रहा हैवहां रहने वाले ईसाई अपनी पहचान छुपाने को मजबूर हो रहे हैकुल मिलाकर दक्षिण पूर्व एशिया का जो देश अपनी विविधता के कारण दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता था,वह धार्मिक चरमपंथियों के निशाने पर है। हालांकि धर्मगुरुओं के राजनीतिक प्रभाव से भारतीय समाज भी अभिशिप्त हो रहा है। भारतीय भूमि पर अनादी अनंत से होने वाली धर्म सभाएं ज्ञान,मानवीय मूल्यों और आध्यात्म का केंद्र रही है। संतों की वाणी को ईश्वर की वाणी मानने की परम्परा हमारी सभ्यता और संस्कृति में रही है। अब न तो संत की श्रेष्ठता के आचरण है और न ही धर्म संसद की पवित्रता का पालन। ईश्वर होकर भी राम और कृष्ण ने अपनी पहचान को सामान्य रखा जबकि अब श्री श्री श्री को जोड़कर ईश्वर के सम्मान को भी झुठलाने के प्रयास निरंतर जारी है।   


 

तुलसीदास के ज्ञान और पांडित्य से निकली रामचरित मानस का निर्माण मुस्लिम राजाओं की बादशाहत के स्वर्णिम दौर मुग़ल राज में हुआ था। जाहिर है तुलसीदास द्वारा इस अनुकरणीय कार्य के बिना संकट पूरा होने में तत्कालीन मुगल बादशाह के नीतिगत योगदान को सराहा जाना चाहिए। पहले मनुस्मृति और अब राम चरित मानस को लेकर समाज में गहरे विरोधाभास सामने आ रहे है। यह भी सच है कि हिंदू धर्मावलम्बी जातीय भेदभाव के बाहुपाश में जकड़े हुए है। वे इससे बाहर भी नहीं निकलना चाहते तथा कई धर्मगुरु और राजनीतिज्ञ इसे बढ़ावा देते है। जबकि दोनों धर्मग्रंथों और  साधु समाज के व्यवहार में कोई भेद नजर नहीं आता । साधु समाज में कोई जातिगत पहचान नहीं है नागा धर्मरक्षा सेना के रूप में काम करते हैं।  मौजूदा समय में परिषद में शामिल अखाड़ों में दलितों की संख्या 50 हजार से भी ज्यादा है। सर्वाधिक दलित जूना अखाड़े से हैं। सभी अखाड़ों मे साधुओं की जातिविहीन व्यवस्था कायम है।

 


मनु स्मृति में लिखा है कि जन्म से तो सभी शुद्र होते है,संस्कारों की वजह से द्विज कहलाता है। यदि वह वेदों का अध्ययन करने वाला है तो विप्र कहलाएगा और जो ब्रह्म को जानता है वह ब्राह्मण कहलाएगा। वेदों का संबंध मानव सभ्यता के विकास से जोड़ा जाता है,अत: सबका दावा यहां मजबूत नजर आता है।  महाभारत के शांति पर्व में कहा गया है कि वर्णों में कोई शारीरिक विभिन्नता नहीं है,सब मनुष्यों के शरीर एक से है। सबमें स्वेद,मूत्र,श्लेमा,पित्त और रक्त प्रवाहित हो रहा है। भविष्य पुराण में कहा गया है कि यदि पिता के चार पुत्र हो,तो उन पुत्रों की जाति एक होना चाहिए। इसी प्रकार एक ही परमेश्वर सबका पिता है। अत:मनुष्य समाज में जाति भेद बिल्कुल नहीं होना चाहिए।


 

धर्म कभी रहस्य नहीं हो सकता। जहां रहस्य होता है वहां बुद्धि श्रेष्ठता और विवेक शुन्यता दोनों भाव आने की पूर्ण संभावना होती है। और जब विवेक शून्य हो जाए तो भ्रम पैदा होता है। भ्रम से चेतना  व्यग्र होती है और तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है। स्पष्ट है जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है। महात्मा गांधी का मानना था कि धर्म मानव के भीतर के मूल्य  होते हैं। अब  दुनिया भर में हिंसक घटनाओं के बीच लगातार मानवीय मूल्य दरकिनार किए जा रहे है और अफ़सोस इसे धर्म से जोड़ा जा रहा है। श्रीकृष्ण ने गीता में सन्देश देते हुए कहा था कि मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता हैजैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

#Brahmadeep alune

 

चीनी जासूसी का वैश्विक संकट chini jasus sahara

 

राष्ट्रीय सहारा                           

                         चीनी जासूसी का वैश्विक संकट


                                                                        

वैज्ञानिक शोध पर आधारित तकनीक से जुड़ी खुफियां जानकारियों को चोरी से हासिल करने की चीन की कोशिशें वैश्विक तनाव को लगातार बढ़ा रही है। हाल ही में अमेरिका के आसमान में चीनी जासूसी गुब्बारे की दस्तक से उठा राजनयिक विवाद महज संयोग नहीं हैपिछले वर्ष चीन ने भारत के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पेश की थी जब अगस्त में हंबनटोटा में एक चीनी जासूसी जहाज़ युआन वांग के आने के कारण कारण भारत और श्रीलंका के बीच एक बड़ा राजनयिक विवाद पैदा हुआ थायुआन वांग उच्च तकनीक पर आधारित ऐसा आधुनिकतम जहाज़ है जिसे चीन ने मिसाइल परीक्षणों और सैटेलाइट की गतिविधियों की निगरानी के लिए डिज़ाइन किया है। उस समय चीन ने इस जहाज़ को अनुसंधान से संबंधित बताया था तो अब अमेरिकी आसमान  में चक्कर लगाने वाले गुब्बारे को मौसम का अनुमान लगाने वाला ऐसा बलून बताया जो रास्ता भटक गया था  


 

लेकिन चीन की नियत पर सवाल होने लाजिमी है। अमेरिका और कनाडा के आसमान में घुमने वाला गुब्बारा कोई सामान्य गुब्बारा नहीं था। यह मोंटाना के आसमान में देखा गया था मोंटाना कम आबादी वाला एक ऐसा इलाक़ा है,जो अमेरिका के तीन न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्रों में से एक हैये मिसाइल फील्ड मैल्मस्ट्रोम एयरफोर्स बेस पर हैअमेरिका को विश्वास है कि चीन का ये जासूसी गुब्बारा इन संवेदनशील जगहों की जानकारी जुटाने के मकसद से उड़ रहा  थाअमेरिका के उत्तरी कमांड के एक लड़ाकू विमान ने चीन के भेजे गए ऊंचाई से सर्विलांस करने वाले स्पाई बलून को सफलतापूर्वक दक्षिण कैरोलिना के पास समंदर में गिरा गिरा दिया इस घटना से चीन और अमेरिका के बीच विवाद इतना बढ गया कि अमेरिका के विदेश मंत्री ने अपने चीन  की प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया है।


 

दरअसल चीन अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों और मापदन्डों को नजरअंदाज करके तथा दूसरे देशों की तकनीकों को अवैधानिक  तरीकों से  हासिल करके महाशक्तियों से आगे निकल जाना चाहता है। चीन की इन कोशिशों को लेकर अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय अब सतर्क हो गया है। हाल ही में अमेरिका के सामरिक और शोध केन्द्रों पर काम करने वाले कुछ चीनी नगरिकों की गिरफ्तारी से कई रहस्य उजागर हुए है। चीन के एक नागरिक जी चाओचिन लगभग एक दशक पहले स्टूडेंट वीज़ा पर अमेरिका आए थे और उसके बाद वे अमेरिकी सेना के रिज़र्व ग्रुप में शामिल हो गएइस दौरान वे चीन को ख़ुफ़िया जानकारियां भेजते रहे जो मुख्यतः तकनीक पर आधारित थीजी चाओचिन की कोशिश थी कि वे सीआईए,एफ़बीआई और नासा जैसे उच्च संस्थान में बतौर सायबर  सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में जुड़ना चाहते थे जिससे उनकी इन एजेंसियों के डेटाबेस तक पहुंच हो तथा इनमें वे डेटाबेस भी शामिल हैं जिनमें वैज्ञानिक शोध आदि से जुड़ी जानकारियां होंइसके पहले भी अमेरिकी एविएशन और एयरोस्पेस कंपनियों के ट्रेड सीक्रेट चुराने के आरोप में एक चीनी नागरिक को पकड़ा गया थाज़ेंग शियाओचिंग नाम का यह चीनी नागरिक जनरल इलेक्ट्रिक से जुड़ा हुआ थाजनरल इलेक्ट्रिक स्वास्थ्य,ऊर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में काम करने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो फ़्रिज से लेकर हवाई जहाज़ के इंजन तक का निर्माण करती है ज़ेंग ने जो जानकारी कंपनी से चुराई,वो गैस और भाप से चलने वाली टर्बाइन बनाने की डिज़ाइन से जुड़ी हुई थीइसमें टर्बाइन की ब्लेड और उनकी सील से जुड़ी सूचनाएं भी शामिल थीयह माना गया कि अमरीकी कंपनी से चुराए गए इन तकनीकी राज़ों से चीन की सरकार,वहां के विश्वविद्यालयों और चीनी कंपनियों को फ़ायदा होना था


 

अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी ने चीन के इरादों की पुष्टि करते हुए साफ कहा है कि यह साम्यवादी देश बड़े शहरों से छोटे क़स्बों तक,फ़ॉर्च्यून 100 कंपनियों से लेकर स्टार्ट अप तक,हवाई उद्योग से लेकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और दवा उद्योग तक' में सेंधमारी करके तकनीकी राज़ चुराने में जुटा हैजिससे वह अपने औद्योगिक विकास को तेज करके मुख्य क्षेत्रों में प्रभुत्व हासिल कर सके। चीन ने दुनिया भर से तकनीक हासिल करने के लिए व्यापारिक समझौतों का सहारा लिया है। चीन ने विदेशी कंपनियों को अपने बाज़ार में कारोबार की इजाज़त देने के बदले में उनके साथ साझेदारियां की है और विदेशी कंपनियों से तकनीक हासिल करने में सफलता भी हासिल की है। यह भी दिलचस्प है कि 2015 में चीन और अमेरिका ने एक समझौता किया था,जिसके तहत दोनों देशों ने वादा किया था कि वो साइबर तकनीक की मदद से बौद्धिक संपदा की चोरी नहीं करेंगेइनमें कारोबारी बढ़त देने वाली गोपनीय तकनीकी जानकारी और दूसरे व्यापारिक राज़ भी शामिल थे। हालांकि चीन समझौतों और नियमों को दरकिनार करने के लिए बदनाम रहा है।


 

चीन की  तकनीक चुराने की कोशिशों से अमेरिका इतना आतंकित है कि वह दूसरे देशों से समझौते करके सीधे तौर पर सेमीकंडक्टर के अहम उद्योग में चीन को दूर रखने की कोशिशों में जुट गया है अमेरिका व्यापारिक चुनौतियों के साथ ही चीन की तकनीक हासिल करने की अवैधानिक कोशिशों को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी ख़तरा  बताता है। अब अमेरिकी तकनीक या सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके चिप बनाने वाली कंपनियों को,चिप का निर्यात चीन को करने के लिए अमरीका से लाइसेंस लेना होगाफिर चाहे वो कंपनियां अमरीका में चिप बनाती हों या फिर दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से में अमेरिका में बसे चीनी नागरिकों को लेकर भी प्रशासन सतर्क है,इसलिए उसने अपने नागरिकों और ग्रीन कार्ड धारकों को कुछ ख़ास चीनी चिप कंपनियों के लिए काम करने पर भी रोक लगा दी हैयह भी विश्वास किया जाता है कि जापान,दक्षिण कोरिया,ताइवान और सिंगापुर जैसे देशों से व्यापारिक समझौतों के बूते चीन ने व्यापक तकनीकी राज हासिल किए है। खासकर कामगारों को मोटी रकम देकर उनसे खुफियां जानकारी हासिल करने की चीन की कई कोशिशें बेपर्दा भी हुई है। चीन के अधिकारी विदेशी तकनीक पर अपनी निर्भरता कम करने और फिर उससे आगे निकलने के लिए अंतरिक्ष और हवाई उद्योग पर ज्यादा काम कर  रहे है  और इसीलिए तकनीक की चोरी से हासिल करने के लिए मोटी रकम भी खर्च कर रहे है


 

वहीं भारत दुनिया की अंतरिक्ष विज्ञान में बड़ा शक्ति है और ऐसा लगता है कि चीन इस तकनीक से जुड़ी खुफियां जानकारियां हासिल करना चाहता हैभारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए लॉन्च बेस इंफ्रास्ट्रक्चर देने वाला सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में स्थित है जो हंबनटोटा से करीब  ग्यारह सौ  किलोमीटर की दूरी पर है हंबनटोटा में चीनी जासूसी जहाज़ युआन वांग 5 को

चीन अपना रिसर्च पोत बताता है जबकि चीन अपने इस श्रेणी के पोतों का इस्तेमाल उपग्रह,रॉकेट और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण को ट्रैक करने के लिए करता है यह देखने में आया है कि हिन्द महासागर में चीन के जासूसी पोत उस समय अक्सर अपनी गतिविधियों को बढ़ा लेते है जब भारत का कोई सामरिक या अंतरिक्ष परीक्षण उस क्षेत्र में प्रस्तावित होता है


भारत और अमेरिका जैसे देश  इसे एक स्पाई शिप मानते है जो दूसरे देशों की जासूसी करने के लिए तैनात किया जाता है। अब अमेरिका ने चीनी गुब्बारे को भी स्पाई बलून बताया हैबहरहाल चीन की तकनीक हासिल करने की आक्रामक कोशिशें दुनिया में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा रही है और यह नए शीत युद्द के संकेत है

 

 

brahmadeep alune

पुरुष के लिए स्त्री है वैसे ही ट्रांस वुमन के लिए भगवान ने ट्रांस मेन बनाया है

  #एनजीओ #ट्रांसजेंडर #किन्नर #valentines दिल्ली की शामें तो रंगीन होती ही है। कहते है #दिल्ली दिलवालों की है और जिंदगी की अनन्त संभावना...