रंगीन पीएम का बुरका प्रेम imran khan burkha

 पॉलिटिक्स

 

                                                    

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की दूसरी पत्नी रेहम खान की किताब "टेल ऑल" में इमरान खान उस  रंगीले किरदार की तरह प्रस्तुत किए गए है जिसे कोई बंधन पसंद नहीं है और वह अपनी पसंद और अपनी शर्तों पर जीता है। जबकि स्वयं इमरान खान पाकिस्तान की महिलाओं को मूल्यों और आदर्शों की नसीहत देते हुए सामाजिक रीति नीति के अनुसार चलने,रहने और बंधनों का पालन करने की अक्सर  नसीहत देते हुए दिखाई देते है।  दरअसल  महिला अपराध,हिंसा,हत्या,बलात्कार,आत्महत्या,एसिड हमलें,अपहरण,घरेलू हिंसा,जबरन विवाह और ऑनर किलिंग के लिए दुनियाभर में बदनाम पाकिस्तान की आधी आबादी दहशत में हैमहिलाओं के खिलाफ  बढ़ती यौन हिंसा के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर पहनावें को जिम्मेदार माना है और महिलाओं को नसीहत दी है कि वे परम्पराओं का पालन सुनिश्चित करें


इस पर पलटवार करते हुए विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि  महिलाएं क्या पहनें,ये बताने का किसी को अधिकार नहीं है हमारे प्रधानमंत्री ऐसा कर रहे हैं,इससे हैरान हूं उन्होंने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ऐसा कहकर महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले और उनका दमन करने वालों की हरकतों को जायज ठहरा रहे हैं। इसके पहले भी इमरान खान महिलाओं को लेकर विपरीत टिप्पणी करते रहे है।  इसी साल अप्रैल में इमरान ख़ान ने रेप और यौन हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार की योजना के सम्बन्ध में जवाब देते हुए कहा था कि,समाज को ख़ुद को अश्लीलता से बचाना होगा अश्लीलता के  बढने का असर होता है,हर इंसान में विल पावर नहीं होता और सभी के पास ख़ुद को कंट्रोल करने की ताक़त नहीं होतीइमरान ख़ान के महिला विरोधी बयानों का कई अधिकारवादी संगठनों ने विरोध किया है इसमें पाकिस्तान मानवाधिकार संगठन,वॉर अगेंस्ट रेप और पाकिस्तान बार काउंसिल शामिल है,यहां तक की मीडिया ने भी इसे असंवेदनशील बताया है वहीं जानी मानी पत्रकार मेहर तरार ने प्रधानमंत्री को शिक्षित होने की नसीहत देते हुए इसे यह सत्ता का विकृत अमानवीय पहलू बताया है

 

इमरान खान की उनके देश में छवि

इमरान खान परम्परावादी समाज के झंडाबरदार बनकर देश में पुरुषवादी समाज को अपना वोट बैंक बनाने की कोशिशें भले ही कर रहे हो लेकिन उनके अपने देश में इमरान की छवि किसी प्ले बॉय जैसी मानी जाती है। ऑक्सफोर्ड से पढ़ा यह शख्स 1970 और 1980 के दशक में,लंदन के एनाबेल्स और ट्रैम्प जैसे नाइट क्लबों की पार्टियों में निरंतर मशगूल होने के कारण, सोशलाइट के रूप में भी मशहूर रहा। सुज़ाना कॉन्सटेनटाइन, लेडी लीज़ा कैम्पबेल जैसे नवोदित युवा कलाकारों और चित्रकार एम्मा सार्जेंट के साथ इमरान खान के रोमांस ब्रिटेन में बेहद चर्चित रहे है और बाद में यह भी सामने आया कि सीता व्हाइट कथित रूप से उनकी बेटी की मां भी बनी थी। बाद में अमेरिका की एक अदालत ने इसकी पुष्टि  करते हुए टीरियन जेड व्हाइट को इमरान खान की बेटी बताया था हालांकि इमरान खान इससे मुकर गए। यदि विवाह की बात की जाए तो इमरान वहां भी बदलते नजर आते हैइंग्लैंड की जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ उनका पहला निकाह  हुआ था,जो नौ साल के रिश्ते के बाद जून 2004 में टूट गया। इसके बाद उनका निकाह रेहम खान से हुआ जो करीब 10 महीने चलाकुछ महीनों पहले ही इमरान खान ने तीसरी शादी अपने से बहुत कम उम्र की लड़की से की है और उसके भी टूटने की खबरें आती रही है




दूसरी पत्नी रेहम खान की किताब "टेल ऑल में कई खुलासे

रेहम खान की किताब "टेल ऑल" में इमरान खान की जिंदगी के कई पहलू सामने आयें है.इस किताब में कथित तौर पर रेहम की अलग-अलग सिलेब्रिटीज के साथ बातचीत और उनकी शादी के बारे में लिखा गया हैइमरान से उनकी शादी महज 15 महीनों में ही टूट गई थीरेहम खान ने लंदन में रहनेवाले इमरान के महत्वपूर्ण सहयोगी बुखारी के बारे में यह खुलासा भी किया है कि लंदन में एक युवा लड़की से इमरान खान के अंतरंग संबंध थे "टेल ऑल" की भाषा और अंतरंग खुलासों से पाकिस्तान में हंगामा तो होना ही था लेकिन कोई भी शख्स इमरान पर लगे आरोपों को सिरे से ख़ारिज करने का साहस नहीं कर पाया है यहां तक की स्वयं इमरान खान भी


इमरान खान की पार्टी में महिलाओं का शोषण

रेहम के यह भी दावा किया है कि इमरान खान अपनी पार्टी  तहरीक-ए –इंसाफ में ऊँचा पद पाने की चाह रखने वाली महिलाओं से यौन संबंधों की मांग करते हैरेहाना खान के दावों में  दम भी नजर आता है 2017 में  इमरान खान की पार्टी पीटीआई की एक नेता आएशा गुलालई ने पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान पर मोबाइल फ़ोन के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश भेजकर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया थाउन्होंने यह भी कहा था कि इमरान ख़ान और उनके आसपास मौजूद लोगों के हाथों में सम्मानित औरतों की इज़्ज़त और आबरू सुरक्षित नहीं हैंसांसद आयशा गुलालई ने  साफ कहा था कि टेक्स्ट मैसेज भेजकर इमरान ख़ान लगातार उन्हें परेशान करते रहे

 


 

सलमान रूश्दी ने इमरान खान को विलासी बताया था

साल 2012 में  भारत में एक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी ने कहा था कि पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान के उभरते राजनीतिक दल- तहरीके इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने "फौज और मुल्लाओं से सांठ-गांठ कर रखी है"उन्होंने यह भी कहा था कि कर्नल गद्दाफी और इमरान खान की शक्लें मिलती हैं और अगर भविष्य में कोई लीबिया के पूर्व नेता पर फिल्म बनाता है तो इमरान खान गद्दाफी के रोल के लिए सबसे उपयुक्त होंगे" यह इत्तेफाक ही है कि लीबिया का तानाशाह गद्दाफी तानाशाही के साथ विलासिता के लिए बदनाम रहा और इमरान खान की सियासी पहचान भी उसी दिशा में जा रही है


इमरान खान की सियासी मजबूरियां

80 और 90 के दशक में क्रिकेट के मैदान से पूरे पाकिस्तान को अपनी अँगुलियों पर नचाने वाला यह खिलाड़ी अब सियासत को भी अपनी पसंद के अनुसार चलाना चाहता है पाकिस्तान की सियासत परम्पराओं की नुमाइंदगी करती है और इमरान खान इस रास्ते पर चलाकर देश को मध्ययुग में झोंक रहे है


आतंकियों और मौलवियों का समर्थन

हाल ही में एक विदेशी टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था,यहाँ तक की इमरान खान ने कभी भी हाफिज सईद समेत कई कुख्यात आतंकियों की कभी आलोचना नहीं कीआतंकियों से इसी प्रेम के कारण जब वह साल 2015 में पेशावर के तालिबान के हमले का निशाना बने आर्मी पब्लिक स्कूल पहुंचे तो हमले में मरने वाले बच्चों के परिजनों ने उनके ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था16 दिसंबर 2014 को इस स्कूल में तालिबान के हमले में 134 छात्रों सहित 143 लोग मारे गए थेस्कूल के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इमरान ख़ान का कड़ा विरोध किया और 'गो इमरान गो' के नारे लगाएइसके पहले इमरान खान पेशावर में तालिबान का ऑफिस खोलने की मांग सरकार से कर चुके थे,जिसे लेकर उनकी खूब आलोचना भी हुईयहाँ तक कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन तालिबान ने पाकिस्तानी सरकार के साथ बातचीत के लिए पांच लोगों की एक टीम का ऐलान किया था  जिसमें तहरीके इंसाफ़ के चेयरमैन और पूर्व क्रिकेटर इमरान ख़ान का नाम शामिल था


औरत मार्च में शामिल महिलाओं को  हत्या की धमकी

पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार बनने के बाद महिलाओं पर अत्याचार कई गुना बढ़ गए है 2018 में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे और इसी साल से पाकिस्तान के कई शहरों में महिला दिवस के मौक़े पर आठ मार्च को  औरत मार्च का आयोजन किया जाता है  धार्मिक और दक्षिणपंथी समूहों का मानना है कि यह मार्च इस्लाम के ख़िलाफ़ है और कुछ महिलाओं का कहना है कि उन्हें बलात्कार और हत्या की धमकियां भी मिली हैं इस मार्च के जरिए महिलाएं,महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर कानून लाने,मौजूदा कानूनों को लागू करने, जागरूकता बढ़ाने और नज़रिया बदलने की मांग कर रही हैं


 

मेरा जिस्म मेरी मर्जी के नारे पर पाकिस्तान में हंगामा बरपा

 

पिछले साल महिला दिवस पर औरत मार्च का नारा था,"मेरा जिस्म, मेरी मर्ज़ी" इस पर पाकिस्तान में बड़ा हंगामा हुआ आलोचकों से इसे अश्लील और  मर्यादा के ख़िलाफ़  बताते हुए पश्चिम से प्रेरित विचार कहते हुए ऐसे आंदोलनों की कड़ी आलोचना की वहीं  औरत मार्च के समर्थकों का कहना है कि इस नारे का मतलब है एक महिला का उसके अपने शरीर पर नियंत्रण होना

 


 

 

अदालतें का दोहरा रुख

 

औरत मार्च को रोकने के लिए पाकिस्तान में अदालतों का रुख करने से भी रुढ़िवादी ताकतें नहीं बचती है,वहीं अदालत मार्च की अनुमति यह कहकर देती है कि इसमें शामिल होने वाले लोग "शालीनता और नैतिक मूल्यों का पालन करें" जाहिर है प्रधानमंत्री इमरान खान और अदालतों के व्यवहार का असर वहां के प्रशासन और पुरुषवादी समाज को रुढ़िवादी बना रहा है गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान का मोटरवे रेप केस चर्चित हुआ था जिसने  देश को झकझोर दिया थाआधी रात को एक महिला को कार से खींचकर उसके बच्चों के सामने बलात्कार किया गया थावहीं पुलिस अधिकारी ने इस घटना के लिए महिला को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि  तीन बच्चों की मां को रात में अकेली अपनी गाड़ी में नहीं निकलना चाहिए था


 

ऑनलाइन स्टार कंदील बलोच की हत्या

 

2017 में पाकिस्तान की मशहूर ऑनलाइन स्टार कंदील बलोच की हत्या

उसके भाई ने कर दी थीवसीम ने उसकी हत्या की बात  कबूल करते हुए कहा था कि कंदील के कारण उनके परिवार की बेइज़्ज़ती हो रही थीकंदील बलोच सोशल मीडिया पर एक बड़ी स्टार बन चुकी थीं और उसके ग्लेमरस अंदाज  के दीवाने लाखों थेकंदील ने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर इमरान ख़ान को भी सोशल मीडिया के माध्यम से ही शादी की पेशकश की थी


 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दक्षिणपंथी ताकतों को मजबूत करके अपना राजनीतिक प्रभाव मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रहे है  वहीं इससे पाकिस्तान में महिलाओं की जिंदगी की दुश्वारियां बढ़ गई है। किसी समय  इमरान खान पाकिस्तान में बेहद सम्मानित ख़िलाड़ी माने जाते थे1992 में ख़ान को पाकिस्तान के प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार हिलाल-ए-इम्तियाज़ से सम्मानित किया गया थाइससे पहले उन्होंने 1983 में राष्ट्रपति का प्राइड ऑफ़ परफार्मेंस पुरस्कार प्राप्त किया था। लेकिन अब प्रधानमंत्री इमरान खान का मौलाना अवतार महिलाओं को स्वीकार नहीं है और इससे उनकी लोकप्रियता में  भारी गिरावट आ रही है। जाहिर है इमरान खान के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा संकट उनके खिलाफ महिलाओं की जुगलबंदी है,इसका व्यापक असर आने वाले  आम चुनावों में देखने को मिल सकता है 

 

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brahmadeep alune

पुरुष के लिए स्त्री है वैसे ही ट्रांस वुमन के लिए भगवान ने ट्रांस मेन बनाया है

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