पश्चिम एशिया की नई चुनौतियां, paschim eshiya ki nyi chunoutiyan

बदलते अंतराष्ट्रीय परिदृश्य में धार्मिक संरक्षणवाद की परम्परागत नीति से राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना संभव नहीं रहा गया है,अब सामरिक और आर्थिक विवशता के कारण सम्बन्धों के प्रतिमान भी बदलते जा रहे है । दरअसल हाल ही में इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐतिहासिक घोषणा की तो यह साफ हो गया कि हिंसा,तानाशाही और आतंकवाद से अभिशिप्त पश्चिम एशिया अरब राष्ट्रवाद को दरकिनार करने को कृतसंकल्पित है । इजराइल विरोधी अरब राष्ट्रवाद का छिन्न भिन्न होना दुनिया के लिए बेहद प्रभावकारी परिणाम लाने वाली घटना हो सकती है। अंतराष्ट्रीय सम्बन्धों के यथार्थवादी सिद्धांत के अग्रणी विचारक हंस मोर्गेंथाऊ ने मजबूत कूटनीति के लिए चार कदम सुझाएं थे,सर्वप्रथम अपने राष्ट्र की राष्ट्रीय शक्ति को दृष्टिगत रखते हुए अपने लक्ष्यों को निर्धारित करना,दूसरा,दूसरे राष्ट्रों की राष्ट्रीय शक्ति और उद्देश्यों का समुचित मूल्यांकन करना। तीसरा,अलग अलग राष्ट्रों के विभिन्न उद्देश्यों के मध्य अनुकूलता और सामंजस्य स्थापित करना तथा चौथा और अंतिम यह कि अपने लक